मैं प्रान सेवा भारती द्वारा संचालित नि:शुल्क कोचिंग का छात्र रहा हूँ। मैं लेखक नहीं हूँ। मेरा मानना है कि सर का जीवन बहुत प्रेरणादायी है, इसलिए मैंने यह वेबसाइट बनाई हैं। परन्तु मै उनके बारे में लिखने के लिए उपयुक्त शब्द नहीं ढूढ़ सका। मैंने जो कुछ भी सर के बारे में लिखा है उसके प्रमाण के रूप में कुछ छायाचित्र, अख़बारों में प्रकाशित कुछ समाचार एवं देश / समाज की समस्याओं पर अख़बारों में प्रकाशित सर के कुछ लेख ही एकत्र कर पाया हूं। उनको मैं यहां प्रस्तुत कर रहा हूं।
संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए, विभिन्न क्षेत्रों में कई अवसर मिलने के बावजूद, असहाय, अनाथ एवं गरीब लोगों की सेवा करते हुए, विभिन्न प्रकार से राष्ट्र सेवा में पृथ्वीपति जी ने अपना जीवन समर्पित कर दिया।
कुष्ठ रोगियों के लिये समर्पित दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार में कुष्ठ रोगियों की मरहम-पट्टी करते हुये पृथ्वीपति जी
पृथ्वीपति जी ने पिछले लगभग ३० वर्षों में लगभग ५००० निर्धन छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, आई. ए. एस. आदि के लिए नि शुल्क कोचिंग पढ़ाई। और इन नि शुल्क कोचिंग पढ़ने वाले छात्र-छात्राओ ने ५००० से जादा सबसे गरीब तबके के बच्चों को पढ़ाया।
सन 1978 से पृथ्वीपति जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक है। सन 1989 से 1991 तक वह आजादी बचाओ आंदोलन से जुड़े रहे। इसके पश्चात स्वदेशी जागरण मंच के स्थापना काल नवंबर 1991 से मई 1996 तक स्वदेशी जागरण मंच के पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहे। इस तरह से लगभग 7 वर्षो तक पूर्णकालिक होकर उन्होंने देश/समाज के लिए कार्य किया। इसके पश्चात्ए एचबीटीआई कानपुर में शिक्षक नियुक्त हुए। उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना का कार्यक्रम अधिकारी बना दिया गया। इस तरह राष्ट्रीय सेवा योजना भी उनके सेवा कार्यों का मंच बना। लगभग 20 वर्षों तक उन्होंने इस दायित्व को निभाया। 31 जुलाई 2023 को एचबीटीयू की सिविल इंजीनियरिंग विभाग से सह आचार्य (एसोसिएट प्रोफेसर) के दायित्व से सेवा निवृत्त हो गए।